हजारीमल-सदूकंवर की सन्तानें:-

आसकरण

आसकरण आप छोगमलजी के पोते एवं हजारीमलजी के तृतीय पुत्र हैं। आपका जन्म असम प्रान्त के तेजपुर शहर में 1919 में हुआ। साधारण शिक्षा दीक्षा भी वहीं हुई। आपका विवाह गंगाशहर निवासी रावतमलजी बैद की सुपुत्री कस्तुरी देवी से हुआ।आप व्यवसायी के बजाय कुशल कारीगर हैं। वैज्ञानिक मस्तिष्क वाले होने के कारण निर्धूम चूल्हे का सफल निर्माण किया। बहुत जगह यहकार्य अपनी देख रेख में करवाया। सीकर जिले की अस्पताल में भी इन चूल्हों का निर्माण आपने अपनी देख रेख में करवाया। पत्नी के देहान्त के बाद प्रायः 60 वर्ष की उम्र से स्त्री वेश में रहने लगे। एवं इसी वेश में भारत के विभिन्न भागों में लम्बी यात्राएं व पदयात्राएं भी की। आहार, पहनावा एवं विचारों से आप परिवार व अन्य को प्रेरणा देते रहते हैं।

कस्तूरी देवी KaturiDevi Chhalani

आप रावतमलजी बैद की सुपुत्री है। आप कर्मठ महिला थी। शिक्षा दीक्षा नहीं थी। पर गृहकार्य में कुशल गृहिणी थी। आपका देहान्त दिनांक 13-08-1972 को बीकानेर में हुआ।