हजारीमल-सदूकंवर की सन्तानें
दियालचन्द | DIYALCHAND |
दियालचन्दजी आप छोगमलजी के पोते एवं हजारीमलजी के द्वितीय पुत्र है। आपका जन्म 1914 गांव दियातरा में हुआ। आपका विवाह हनुमंतमलजी पुगलिया की सुपुत्री मगनीदेवी से हुआ। आप एक अच्छे हिसाबी थे एवं घर के बच्चों को शिक्षित करने में आपकी बहुत रुचि थी। आपका स्वास्थ्य कमजोर रहता था। आपका देहान्त कम उम्र में ही सवत् 1999 में माघ बदी 9 को हो गया। आपके पुत्र-पुत्रियां तीन थे जो क्रमशः लूणकरण, दुर्गा, केशर हैं। |
मगनी देवी | Magnidevi |
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श्री हनुमंतमलजी पुगलिया की पुत्री मगनीदेवी जन्म से धर्म परायण औरत थी। आपका जन्म सन् 1916 में हुआ। साधारण शिक्षा प्राप्त कर आपकी शादी दियालचन्दजी के साथ हुई। तेरापंथ धर्मसंघ के प्रति आपका अगाढ़ स्नेह था। सामयिक, तप आदि में पूरा समय देती थी। पति के कम उम्र में देहान्त होने से बच्चों को शिक्षित करने हेतु गंगाशहर में रहने लगी। गुरु दर्शन, सेवा दर्शन आदि का चाव था एवं यथा समय पालन करती थी। आपका देहान्त सन् 1970 की पोष कृष्णा 7 को हुआ। |
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