फूसराज छलाणी  

छोगमलजी छलानी के प्रपौत्र एवं भैरुदानजी छलानी के सुपुत्र फूसराज जी छलानी का जन्म दिन 9 अक्टूबर 1945 को हुआ। प्राईमरी शिक्षा दियातरा में हुई। 10वीं कक्षा प्राईवेट घर पर पढ़कर की। फिर डूंगर कालेज से ढविदज ंिबमत्रष्।तपंसए भ्मसअमजपबंए ेंदे.ेमतपष् िेप्रमत्रष्3ष्झठण्।ण् ए स्ण्स्ठए डण्।ण् च्ंतज प्ढध्विदजझ एवं थीसीस लिखी। थोड़े दिन बाद वकालत कर आसाम में तिनसुकिया में स्टीलवर्थ में कार्यरत हुवे फिर निजी व्यवसाय किया। शादी श्री गोपालचन्दजी नाहटा की सुपुत्री चन्द्रा देवी के साथ दिनांक 17-05-1967 को हुई। व्यापार खूब बढ़ाया। मद्रास, बंगलौर, इन्दौर, बीकानेर, कलकत्ता कई जगह फर्म है। फिलहाल तिनसुकिया में हैं। आपके दो सन्तान जयदीप व गुंजन है।

चन्द्रा देवी  

आप बीकानेर निवासी गोपीचन्दजी नाहटा की पुत्री है। आपका जन्म 21 अगस्त 1948 को हुआ। बचपन बीकानेर में दादाजी मां व पिताजी एवं भाई-बहिनों के साथ बीता। बीकानेर में मेट्रिक तथा बीए पास किया। व्यायाम व संगीत सीखा। 17 मई 1967 को शादी हुई। शादी के बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से की। गांव बीकानेर में सास-श्वसुर के साथ कुछ समय बीता। फिर तिनसुकिया असम में पति एवं बच्चों के साथ बीत रहा है। तिनसुकिया में सामाजिक कार्यों के अलावा कन्या महाविद्यालय में विभागाध्यक्ष भी है।