मीना बाई | |
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मीना देवी चैपड़ा छोगमलजी छलानी की प्रपौत्री, हजारीमलजी छलानी की सुपौत्री एवं भैरुंदानजी छलानी की पुत्री है। आपका जन्म 14 मार्च 1939 को असम में तेजपुर शहर में हुआ। हजारीमलजी छलानी के परिवार में आप प्रथम पौत्री हैं। आप की शिक्षा मामूली सी हुई। आपकी शादी तेरापंथ समाज के समाज भूषण गंगाशहर निवासी श्री छोगमलजी चैपड़ा के सुपौत्र एवं गोपीचन्दजी के तृतीय पुत्र रतनलालजी चैपड़ा से सम्वत् 2011 की वैशाख सुदी 3 को हुई। आप गृह कार्य में दक्ष तथा सेवा भावी महिला है। आपके संतान क्रमशः बेगी, इन्दू, टोडरमल, गौतम कुमार हैं। |
रतनलाल चैपड़ा | |
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आप गंगाशहर निवासी समाज भूषण श्री छोगमलजी चैपड़ा के सुपौत्र एवं गौपीचन्दजी चैपड़ा के तृतीय पुत्र हैं। आपका जन्म 7 मई 1935 में हुआ। आपका बचपन कलकत्ता में दादाजी, दादीजी, माताजी एवं पिताजी के साथ बीता। सन् 1952 में 17 वर्ष की अवस्था में 10वीं कक्षा स्टार से उत्तीर्ण की। 1955 में बंगवासी कालेज से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया। प्रारम्भ में धस्सा, कपड़ा का कार्य किया। बीमा क्षेत्र में जय भारत इन्सोरेस में कार्य हेतु गुहावटी में रहे। फिर व्यवसाय हेतु मद्रास, ग्वालपाड़ा, दिनहाटा रहे। सम्वत् 2017 से 2034 तक ग्वार का स्वतन्त्र व्यवसाय किया। सम्वत् 2035 से समाजिक कार्य में सलग्न रहे। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् व जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा से जुडे रहे। सन् 1992 से जैन विश्व भारती से जुडें एवं 1994 से समण संस्कृति संकाय के निर्देशक के पद पर कार्यरत हैं। |
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